Nadi Sinduri

Nadi Sinduri

Shirish Khare

14,36 €
IVA incluido
Disponible
Editorial:
Repro India Limited
Año de edición:
2023
ISBN:
9789393267399
14,36 €
IVA incluido
Disponible
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'एक देश बारह दुनिया जैसी चर्चित पुस्तक के लेखक शिरीष खरे की नदी सिंदूरी आत्मीय संस्मरणों का इन्द्रधनुषी वितान हमारे सामने खड़ा करती है, जिनमें पात्रों और उनके परिवेश का जीवंत चित्रण हमारे पुतलियों के परदे पर चलचित्र-सा गतिमान हो उठता है। नर्मदा की सहायक नदी सिंदूरी के किनारे का गाँव मदनपुर के पात्रों की मानवीयता और विद्रूपता, जड़ता और गतिशीलता रचनाकार के सहज-स्वभाविक कहन के साथ स्वतः कथाओं में ढलती चली गई है।मदनपुर सन् 1842 और 1857 के गोंड राजा ढेलन शाह के विद्रोह के कारण इतिहास के पन्नों में दर्ज है। लेकिन, नदी सिंदूरी की कहानी अब दर्ज हुई है। (ये संस्मरण, ये कथाएँ सिंदूरी नदी के बीच फेंके गए पत्थर के कारण नदी के शांत जल की तरंगों जैसी हैं।) नदी सिंदूरी से गुज़रते हुए महादेवी वर्मा की स्मृति की रेखाएँ और आचार्य शिवपूजन सहाय की देहाती दुनिया की बहुत याद आई।'-रणेन्द्र, कथाकारदो दशक से वंचित समुदायों के पक्ष में लेखन। देश के चैदह राज्यों के अंदरूनी भागों की यात्राएँ। ’राजस्थान पत्रिका’ जैसे संस्थानों में रहते हुए हजार से अधिक रिपोर्ट। चार सौ से अधिक गाँवों के बारे में दस्तावेज। ग्रामीण भारत पर उत्कृष्ट रिपोर्टिंग के लिए वर्ष 2013 में ’भारतीय प्रेस परिषद सम्मान’। वर्ष 2009, 2013, 2020 में ’संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष’ द्वारा ’लाडली मीडिया अवार्ड’।

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